Tuesday, August 14, 2007

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है !!!

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए कातिल में है।।

करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है।
ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार,
अब तेरी हिम्मत का चरचा गैर की महफ़िल में है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥

वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमान,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥

खींच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद,
आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥

है लिये हथियार दुशमन ताक में बैठा उधर,
और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर।
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥

हाथ जिन में हो जुनून कटते नही तलवार से,
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से।
और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥

हम तो घर से निकले ही थे बाँधकर सर पे कफ़न,
जान हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम।
जिन्दगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥

यूँ खड़ा मौकतल में कातिल कह रहा है बार-बार,
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है।
दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब,
होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको ना आज
दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥

वो जिस्म भी क्या जिस्म है जिसमें ना हो खून-ए-जुनून।
तूफ़ानों से क्या लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥
देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए कातिल में है॥

वंदेमातरम

4 comments:

  1. dude, you got really powerful Hindi, read some of your posts.and thanks for your comment on my blog.do keep reading and posting....ws looking out for this poem for a long time......theres something about these genre of poems that makes your hair stand.....thanks for putting it on your blog

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  2. Thnx Aditya.Ofc such kinda poems are almost non existent these days.Only one Rajasthani poet is doing good stuff in Veer ras..CAnt help..Chalo,keep posting...

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  3. Inspiriing poem with strong words, keep posting !!!!!!!


    Regards

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  4. Thnx Purushottam.That is a wonderful work og Ramprasad Bismil.Loads of power inherent.

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